काली गाजर की खेती: लाखों की कमाई का अवसर, मार्केट में निरंतर मांग बनी रहती है

काली गाजर की बुवाई अगस्त से नवंबर महीने तक और जून से जुलाई महीने तक की जाती है, काली गाजर की उत्पादन की संभावना 80 से 90 दिनों में होती है.

प्रति हेक्टेयर उत्पादन में 8 से 10 टन तक काली गाजर प्राप्त हो सकती है, काली गाजर का विपणन मार्केट में अच्छे मूल्य पर होता है.

 मार्केट में काली गाजर का भाव 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक हो सकता है,  एक हेक्टेयर क्षेत्र में काली गाजर की खेती से 4 से 5 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है.

काली गाजर की खेती के लिए उचित मौसम चयन करना आवश्यक होता है, खेत की तैयारी के लिए उचित जमीन का चयन करें.

खेत को ध्यान से जोतने के लिए खुराक दें और मिट्टी को समतल करें, खेत में वर्मी कंपोस्ट या गोबर की खाद का उपयोग करें.

खेत में क्यारी बनाएं और बीजों की बुवाई करें, बीजों को पानी में भिगोकर रखें.

 उचित दूरी पर बीज बोएं, यानी 30 से 45 सेंटीमीटर के अंतराल पर क्यारी बनाएं, समय-समय पर खेत की जल आपूर्ति का ध्यान रखें.

काली गाजर की फसल की देखभाल के लिए नियमित रूप से खाद दें, खरपतवार, कीट और रोगों के खिलाफ नियमित जांच करें और उचित कार्यवाही करें.

 प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करें और प्रदूषण में कमी करें, फसल को समय पर सिंचित रखें और पानी की बचत करें

 विधिवत अवशेष प्रबंधन करें और फसल के बाद खेत की सफाई करें, सबसे महत्वपूर्ण बात, खेती के लिए समय, मेहनत और संयम के साथ निरंतरता रखें।

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