थ्रेसर का उचित व्यवहार: किसान की सुरक्षा और कार्यक्षमता के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

थ्रेसर प्रयोग करते समय हाथ को अधिक अन्दर नहीं डालें, एक पाली में आठ घंटे से अधिक काम मजदूरों द्वारा नहीं लेना चाहिए.

 थके मजदूरों द्वारा काम कराने से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है, थ्रेसर पर काम करते समय किसी प्रकार की नशीली वस्तुओं का प्रयोग कभी नहीं करें.

बच्चों एवं वृद्ध पुरूषों से कभी भी थ्रेसर पर काम नहीं लेना चाहिए, ढीले वस्त्र पहनकर कभी भी थ्रेसर पर काम न करें.

हाथ में चूड़ी, लहठी, घड़ी अथवा कड़ा पहन कर भी थ्रेसर के साथ काम न करें. रात में थ्रेसर चलाने के लिए समुचित रोशनी की व्यवस्था बना लेनी चाहिए.

कम रोशनी में थ्रेसर संचालन से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है तथा कार्य क्षमता घट जाती है, दौनी करते समय ध्यान रखें कि फसल बिल्कुल सूखी होनी चाहिए.

सूखी फसल के साथ नम फसल को मिलाकर कभी भी दौनी न करें. थ्रेसिंग सिलिंडर गर्म हो जाएगा और आग लगने का खतरा बढ़ जाएगा.

खरपतवार से बचने के लिए विधिवत थ्रेसर का उपयोग करें. थ्रेसर की रफ्तार को संभालें और अतिरिक्त तेज गति से न चलाएं.

 सुरक्षा के लिए थ्रेसर के पास अतिरिक्त आग बुझाने के उपकरण रखें, थ्रेसर की नियमित रखरखाव करें और निरीक्षण करें ताकि सुरक्षा और कार्यक्षमता की सुनिश्चितता हो सके.

 थ्रेसर के नियंत्रण और अवसंरचना से परिचित हों और समय-समय पर सेवा करवाएं, थ्रेसर का उपयोग करते समय अवरुद्ध और ध्यानवश न रहें.

 थ्रेसर के आसपास कोई बच्चे नहीं होने चाहिए और उनका ध्यान रखना चाहिए, थ्रेसर का प्रयोग करने से पहले सभी सुरक्षा नियमों का पालन करें और उचित प्रशिक्षण प्राप्त करें.

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