सूक्ष्म सिंचाई यंत्रों पर 90% सब्सिडी उठाकर प्राप्त करें लाभ
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम से पानी की बचत की जा सकती है, इन तकनीकों का उपयोग करके खेती की लागत में कमी आती है।
ये सिस्टम पानी को पौधों की जड़ों तक पहुंचाते हैं और भूमि में नमी बनाते हैं, इन सिस्टमों से पौधों की सिंचाई के लिए कम पानी में अधिक पौधों की सिंचाई की जा सकती है।
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से फसलों का उत्पादन बढ़ता है, इन तकनीकों का उपयोग करने से फसलों की क्वालिटी में सुधार होता है।
खरपतवार में कमी आती है और मजदूरों के लागत खर्च में कमी होती है, ये तकनीक बीमारियों के प्रकोप को कम करती है।
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से पानी की बचत के साथ-साथ खेती के लागत खर्च को कम करके मुनाफे में वृद्धि होती है, ये तकनीक खेती को सुस्त और सतत बनाती है।
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को ऑनलाइन आवेदन करके लाभान्वित किया जा सकता है, ये सिस्टम सब्सिडी के तहत उपलब्ध हैं।
आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची है, जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, जाति प्रमाण-पत्र, बिजली कनेक्शन का प्रमाण, मोबाइल नंबर आदि, आवेदन करने के लिए बिहार कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
आवेदन करने से पहले वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा, आवेदन पत्र को पूरी तरह से भरें और आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ संलग्न करें।
जिले के उद्यान विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त करें, सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से उर्वरक की बचत की जा सकती है, जो लगभग 25-30% तक हो सकती है।
इस तकनीक से फसलों का उत्पादन 40-50% तक बढ़ सकता है, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम से पौधों पर रोगों का प्रकोप कम होता है।