असली और नकली आलू का फर्क कैसे करें

आजकल बाजार में नकली सब्जियों को बेचा जा रहा है, और उन्हें जल्द बड़ा करने के लिए दवाई का इंजेक्शन लगा दिया जाता है, व मार्केट में नाम बदलकर भी सब्जियां बेच देते है।

सब्जियों को जल्द बड़ा करने के लिए लगाया गया इंजेक्शन बहुत ही खतरनाक होता है, इससे शरीर में कई तरह के नुकसान होते हैं।

इन दिनों मार्केट में आलू को भी नाम बदलकर बेचा जा रहा है जिससे खरीदने वाले ग्राहक को नुकसान हो रहा है।

देखा गया है इन दिनों हेमांगिनी आलू को चंद्रमुखी आलू के नाम पर महंगे दामों में बेचकर ग्राहक को ठगा जा रहा है।

नकली आलू ना तो खाने में अच्छा स्वाद देता है, और नहीं वह ठीक तरीके से पका हुआ होता है।

जब दुकानदार के पास ओरिजिनल प्रोडक्ट की सप्लाई कम हो जाती है, तो वह ग्राहक को नकली या फिर मिलावटी सामान बेच देते हैं।

चंद्रमुखी आलू की कीमत बाजार में लगभग ₹50 होती है, वहीं पर हिमांगिनी आलू की कीमत बाजार में 10 से ₹12 के बीच होती है।

चंद्रमुखी आलू को तैयार होने में 3 से 4 महीनों का समय लगता है, और यदि इसकी उपज की बात करें तो 50 से 60 बोरी प्रति बीघा उपज होती है।

हिमांगिनी आलू 2 महीनों में ही  तैयार हो जाता है, और इसकी ऊपर 90 से 95 बोरी प्रति बीघा होती है।

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