गेहूँ कटाई के बाद खेतों (gehu ke baad kya boyen) को खाली छोड़ने की बजाय अगली फसल क्या बोना है उस की सही योजना बनाना बहुत जरूरी है, यह कदम न केवल मिट्टी की उर्वरकता बनाए रखता है बल्कि किसानों को अधिक आय का अवसर भी देता है, गर्मियों में फसल लगाते समय यह ध्यान देना चाहिए कि वह कम समय में तैयार हो और बाजार में उसकी अच्छी मांग हो, सही फसल का चुनाव मिट्टी की तैयारी और पोषण का संतुलित उपयोग ही बेहतर उत्पादन करने मे सक्षम है इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि गेहूँ की कटाई के बाद कौन सी फसलें लगाई जा सकती हैं.
गेहूँ कटाई के बाद खेत की तैयारी
खेती में सफलता की शुरुआत खेत की अच्छी तैयारी से होती है गेहूँ की कटाई के बाद खेत में बचे हुए अवशेषों को साफ करना और मिट्टी को पोषण देना बहुत जरूरी है, सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से साफ करें ताकि कोई फसल अवशेष न रह जाए इसके बाद जैविक खाद जैसे सड़ी हुई गोबर की खाद, को मिट्टी में मिलाकर उसकी उर्वरकता को बढ़ाई जा सकती है, इसके साथ ही रासायनिक खादों का संतुलित उपयोग, जैसे डीएपी और पोटाश मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है यह तैयारी यह सुनिश्चित करती है कि अगली फसल बेहतर उत्पादन दे ही देगी.
हरे धनिया की खेती
हरे धनिया की खेती गर्मियों के मौसम में भी बहुत अच्छी मानी जाती है यह फसल केवल 25 से 30 दिनों में मार्केट मे जाने को तैयार हो जाती है, जिससे किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं धनिया की खेती के लिए खेत को जैविक और रासायनिक खाद से तैयार करना जरूरी होता है, धनिया के बीज को बोने से पहले कुछ घंटे भिगोकर रखना चाहिए ताकि अंकुरण तेज हो सके धनिया की मांग गर्मियों में काफी बढ़ जाती है और इसके बाजार में अच्छे दाम मिल जाते हैं.
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लौकी और करेला
इसके अलावा किसान भाइयों आप के लिए लौकी और करेला जैसी बेल वाली सब्जियां भी एक अच्छा विकल्प हैं ये सब्जियां 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती हैं और इनकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है, बेल वाली फसलों को खेत के चारों तरफ लगाने के लिए तार का उपयोग किया जा सकता है यह न केवल लागत को कम करता है बल्कि इन का उत्पादन भी बहुत अच्छा हो जाता है.
गेहूँ कटाई के बाद मूंग और उड़द की खेती
किसान भाइयों मूंग और उड़द की खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि मिट्टी की उर्वरकता को भी अच्छा बनाए रखती है मूंग और उड़द 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती हैं इनकी जड़ों में राइजोबियम नामक बैक्टीरिया पाया जाता है, जो मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करता है, मूंग और उड़द की मांग हर साल बढ़ रही है और इनके समर्थन मूल्य भी काफी अच्छे हैं आप इस की खेती कर सकते हो परंतु इस खेती के लिए आप के पास पानी प्ररयप्त मात्रा मे होना जरूरी है.
गेहूँ कटाई के बाद कद्दू की खेती
गर्मियों के मौसम में कद्दू की फसल भी किसानों के लिए एक शानदार विकल्प हो सकती है कद्दू की फसल में लागत बेहद कम आती है और इसे लंबे समय तक स्टोर भी किया जा सकता है, अगर बाजार में कद्दू के दाम कम हैं, तो इसे तब तक स्टोर किया जा सकता है जब तक बाजार में इसकी कीमत बढ़ न जाए.
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भिंडी और टमाटर: गर्मियों की मुख्य फसलें
भिंडी और टमाटर गर्मियों में उगाई जाने वाली बहुत ही अच्छी फसलें हैं भिंडी की फसल गर्मियों में तेज़ी से बढ़ती है और इसका उत्पादन अन्य मौसमों की तुलना में अधिक होता है, भिंडी और टमाटर की फसलें न केवल जल्दी तैयार होती हैं, बल्कि इनका बाजार मूल्य भी अच्छा होता है टमाटर की बुवाई के लिए पहले नर्सरी तैयार की जा सकती है और फिर पौधों को खेत में लगाया जा सकता है.
टिंडा और ग्वार फली
गर्मी के समय मे देसी टिंडा और ग्वार फली भी बेहद फायदेमंद ओर अच्छी फसलें हैं टिंडा की फसल बाजार मे महंगी बिकती है और बाजार में इसकी मांग गर्मियों के दौरान सबसे अधिक रहती है, ग्वार फली की खेती से किसान पूरे सीजन अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि इसके बाजार भाव हमेशा ऊंचे रहते हैं.
फूलगोभी और पत्तागोभी
फूलगोभी और पत्तागोभी जैसी फसलों को गर्मियों में उगाने के लिए थोड़ी अधिक देखभाल की जरूरत होती है इन फसलों में कीट और रोगों का खतरा अधिक होता है, इसलिए समय-समय पर जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करना आवश्यक है, इस लिए इस की खेती काम ही लोग गर्मी मे करते है पर इस का बाजार भाव उस टाइम अच्छा मिल जाता है .
खेती के लिए सही तकनीक
खेती के दौरान सही तकनीक अपनाने से न केवल उत्पादन बढ़ता है बल्कि आप की लागत भी कम होती है जैविक खाद का उपयोग खेत की मिट्टी को उर्वर और टिकाऊ बनाता है, गर्मियों में फसलों की सिंचाई सुबह या शाम को करनी चाहिए, ताकि पानी का सही उपयोग हो सके, बेल वाली सब्जियों को खेत की मेड़ों पर लगाकर पानी की बचत की जा सकती है.
इसके अलावा, फसल को टुकड़ों में लगाना भी एक स्मार्ट तरीका है, अगर खेत में 1 एकड़ जमीन है, तो इसे 4-5 भागों में बांटकर फसल लगाएं इससे उत्पादन धीरे-धीरे होगा और फसल को बेचने का सही समय मिलेगा.
गेहूँ कटाई के बाद की प्रक्रिया
गेहूँ की कटाई के बाद सही फसल का चुनाव और खेत की तैयारी किसानों के लिए सफलता की कुंजी है, मूंग, उड़द, हरा धनिया, और बेल वाली सब्जियां जैसे लौकी और कद्दू गर्मियों में लगाई जाने वाली बेहतरीन फसलें हैं, इन फसलों से न केवल मिट्टी की उर्वरकता बनी रहती है, बल्कि किसान अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं। सही तकनीक और समय पर सिंचाई एवं उचित देखभाल के साथ, किसान कम समय में बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं.
यह सबी गर्मियों की फसलें आपको ज्यादा मुनाफा देने और खेतों की उर्वरकता बनाए रखने में मदद करेंगी, खेती में नई तकनीकों का उपयोग करें और अपने खेतों को बेहतर बनाएं, आप ओर अच्छी खेती के लिए पहले से कर रहे लोगों से इस खेती की सलाह ले.
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