गन्ना MSP में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि -Sugarcane MSP

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद, गन्ना MSP में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि का निर्णय लिया गया है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने पहले ही सरकार को इस पर सिफारिश की थी। अब सरकार ने आयोग की सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी है। यह बढ़ी हुई एमएसपी नए गन्ना सत्र से प्रारंभ होगी।

गन्ना MSP वृद्धि के लिए कैबिनेट की मंजूरी

गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी केंद्र सरकार ने आज, 28 जून यानी बुधवार को एक महत्वपूर्ण सुखद समाचार दिया है। केंद्र सरकार ने गन्ने के समर्थन मूल्य (एफआरपी) को बढ़ाने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गन्ने के एफआरपी को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CSP) ने पहले ही सरकार को इसकी सिफारिश की थी। और अब कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने इस पर मंजूरी भी दी है।

गन्ना MSP में वृद्धि

  1. सरकार ने नए गन्ना सत्र से लागू होने वाली MSP को बढ़ाया है।
    • नया सत्र: 1 अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 तक।
    • गन्ने की MSP: नए सत्र में 315 रुपये प्रति क्विंटल।
  2. गन्ने की MSP में अंतर:
    • साल 2021: MSP में 5 रुपये की वृद्धि कर 290 रुपये प्रति क्विंटल।
    • साल 2022: इसे 15 रुपये का इजाफा करके 305 रुपये किया गया।
    • नया सत्र: 10 रुपये की और बढ़ोतरी के साथ 315 रुपये प्रति क्विंटल।
  3. गन्ने की MSP में कुल वृद्धि:
    • साल 2013-14: 210 रुपये प्रति क्विंटल थी।
    • बढ़ोतरी की मात्रा: 105 रुपये प्रति क्विंटल (9 सालों में)।
  4. गन्ने की खरीदारी:
    • साल 2013-14: लगभग 57,104 करोड़ रुपये।
    • साल 2022-23: 1,13,000 करोड़ रुपये।

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कुछ राज्यों मे MSP से अधिक मूल्य

एफआरपी एक न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर चीनी मिलों (Sugar Mills) को किसानों से गन्ना खरीदना पड़ता है। सरकार गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के तहत एफआरपी (FRP) को निर्धारित करती है। हालांकि, कुछ राज्यों में गन्ने की खरीदारी कीमत से अधिक भी हो सकती है।

कुछ राज्यों में स्टेट एडवाइजरी प्राइस (MSP) लागू होता है, जहां गन्ने की कीमतें निर्धारित की जाती है। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा इन राज्यों में शामिल हैं, वर्तमान में पंजाब में गन्ने का मूल्य प्रति क्विंटल 380 रुपये है, हरियाणा में 372 रुपये और उत्तर प्रदेश में 350 रुपये क्विंटल है।

केमिकल फर्टिलाइजर मे कमी

सरकार ने यूरिया स्कीम (Urea Scheme) के लिए 3 लाख 68 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। साथ ही, पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत भी की जा रही है।

इस योजना के अंतर्गत, अगर कोई राज्य खेती-किसानी में केमिकल फर्टिलाइजर (Chemical fertilizer) की कमी लाता है, तो उस राज्य को उसकी बचत करने वाली सब्सिडी दी जाएगी।

ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को प्रोत्साहन

सरकार ने मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस (MDA) के लिए 1451 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत, ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को गोवर्धन स्कीम (Govardhan scheme)के तहत उत्पन्न किया जाएगा।

इसके अंतर्गत, प्रति मीट्रिक टन जैविक खाद बेचने पर किसानों को 1500 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।

इथेनॉल उत्पादन पर बहुत महत्व

भारत दुनिया में चीनी निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। साथ ही यह उत्पादन के मामले में भी सबसे बड़ा उत्पादक देश है, अब गन्ने एमएसपी की वृद्धि से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में भी गन्ना उत्पादन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार इथेनॉल उत्पादन पर बहुत महत्व दे रही है, सरकार के अनुसार, 2025-26 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक देश बनेगा।

लगभग 2025 तक, 60 एलएमटी से अधिक अतिरिक्त चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित करने का लक्ष्य है। इससे उर्जा क्षेत्र में भारत को मजबूती मिलेगी और साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।

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