भांग की खेती के लिए सरकार तैयार, जाने लाइसेंस कैसे प्राप्त करें

भारत में किसानों को धान, गेहूँ और फल-फूल की खेती से उचित मुनाफा प्राप्त नहीं हो पाता है, इस परिस्थिति में भांग की खेती एक ऐसा विकल्प हो सकता है, जो किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

राज्य सरकार की अनुमति

भांग और गांजा (cannabis and hemp) की खेती के लिए राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक होती है, राज्य सरकार के द्वारा इजाजत प्राप्त करने के बाद ही किसान भांग की खेती कर सकते हैं।

आइए जानते हैं, कि भारत में भांग की खेती (cannabis cultivation in india) कहां-कहां होती है, और लाइसेंस प्राप्त करने का तरीका क्या है, साथ ही इस से कितना मुनाफा हो सकता है।

प्रशासन से अनुमति

भारत में पहले पूरे देश में भांग खेती (cannabis cultivation) पर प्रतिबंध था, लेकिन हाल ही में कई राज्यों ने इसे वैध कर दिया है। अगर आप भांग खेती करना चाहते हैं, तो प्रशासन से अनुमति (permission from the administration)लेना आवश्यक होगा।

हर राज्य में इस खेती के लिए अलग-अलग नियम होते हैं, इसलिए आपको लाइसेंस के लिए स्थानीय नियमों का पालन करना होगा।

भांग की खेती के बारे में अपडेट रहे

इस खेती शुरू करने से पहले स्थानीय समाचारों को ध्यान से पढ़ें, ओर इन के बारे मे नई जानकारी प्राप्त करते रहे, क्योंकि प्रशासन आए दिन नियमों में बदलाव करता रहता है।

लाइसेंस के लिए कहा करे अप्लाय

  • भांग की खेती (Bhaang ki khati) के लिए किसानों को खेत का विवरण, क्षेत्रफल और भंडारण की व्यवस्था का लिखित रूप से डीएम को बताना होता है।
  • प्रति हेक्टेयर की भांग खेती के लिए लाइसेंस शुल्क एक हजार रुपये है, यह अलग – अलग राज्यों के अनुसार कम या अधिक भी हो सकता है।
  • अन्य जिले से भांग का बीज (hemp seed) लाने की स्थिति में भी किसानों को डीएम से अनुमति लेनी पड़ती है।
  • कभी-कभी किसानों को अधिकारी को फसल का सैंपल देना भी होता है।
  • अगर भांग की फसल तय जमीन से बाहरी इलाके में लगाई जाती है, तो प्रशासन द्वारा उस फसल को नष्ट कर दिया जाता है।
  • यदि मानकों का उल्लंघन किया जाता है, तो फसल को तबाह कर दिया जाता है, और सरकार द्वारा कोई मुआवजा नहीं प्रदान किया जाता है।

भांग के पौधों की पहचान

  • भांग के पौधे (cannabis plants) आमतौर पर 3 से 8 फुट ऊँचे होते हैं।
  • पौधों के पत्ते एकांतर क्रम में पाए जाते हैं।
  • पत्तियों का ऊपरी हिस्सा 1-3 खंडों में विभाजित होता है और निचला हिस्सा 3-8 खंडों में विलग होता है।
  • पत्तियों का निचला हिस्सा लंबा और पत्रवृन्त होता है।
  • इन पौधों को हम देश में डोप, वीड, गांजा, मारिजुआना, कैनेबिस आदि नामों से भी पहचानते हैं।

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