हर किसान के पास होगा अपना कृषि ड्रोन ?

किसानों को खेती करने के लिए बहुत सी मशीनों की आवश्यकता होती है, इसीलिए सरकार द्वारा एक ऐसी मशीन का निर्माण किया है। जिससे किसान को खेती करने में बहुत से लाभ प्राप्त होंगे और अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा। इस पोस्ट मे हम जानेंगे कृषि ड्रोन किसानों के लिए कितना उपयोगी है ।

कृषि ड्रोन को 50 से 100 % की सब्सिडी

सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दरों में कृषि ड्रोन उपलब्ध करवाने के लिए बड़ी ड्रोन कंपनी आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन और SBI ने घोषणा की है, जो केंद्र की स्कीम के द्वारा रियायती दरों पर लोन प्रदान करेगी।

किसान को खेती की निगरानी करने एवं दवाइयों के छिड़काव के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी लेकिन अब ड्रोन की सहायता से यह काम आसानी से हो जाएगा।

किसानों को कम कीमतों पर लोन उपलब्ध करवाने के लिए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच साझेदारी हुई हैं। केंद्र सरकार कृषि ड्रोन को 50 से 100 % की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है।

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बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा लोन

हम आपको बता दें कि आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन कंपनी का ‘एग्रीबोट ड्रोन’ देश में सबसे पहले डीजीसीए ‘टाइप सर्टिफिकेशन’ प्राप्त करने वाला ड्रोन हैं।

जिसे केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जून, 2022 को इस ड्रोन को सर्टिफिकेशन प्रदान किया था।

ड्रोन निर्माणकर्ता आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने कहा कि सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सस्ती दरों पर लोन दिया जाएगा। कंपनी के ग्राहकों को SBI की सहायता से बिना किसी जमानत के सस्ती ब्याज की दर के लोन पर ड्रोन मिलेगा।

अब हर किसान तक ड्रोन पहुंचेगा

एविएशन कंपनी के सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने कहा कि ड्रोन भारत में कृषि क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगा।

भारतीय स्टेट बैंक और आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन कंपनी के बीच ‘एग्रीबोट ड्रोन’ के लिए 1 फरवरी को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। जो किसान ड्रोन नहीं खरीद पा रहे थे, लेकिन अब एसबीआई की लोन सुविधा की मदद से ड्रोन खरीद सकते हैं।

कीटनाशक-तरल उर्वरक के छिड़काव में मददगार

इस काम के लिए किसान का समय और पैसा तो खर्च होता ही है, लेकिन इनके संपर्क में आने से किसान को हानि भी होती है।

सरकार अब ड्रोन तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं, जिससे किसान अपने खेत की निगरानी भी कर सकता है, ओर समय रहते दवाई का छिड़काव के काम भी आता है।

कस्टम हायरिंग सेंटर की मदद से मिलेगा ड्रोन

इस काम को करने के लिए अभी तक किसान को ही श्रम करना पड़ रहा है। लेकिन कैमिकलयुक्त कीटनाशक और उर्वरकों से मजदूरों को हानि हो रही हैं। किसानों को अब ड्रोन की सहायता से बहुत लाभ प्राप्त होंगे लागत भी कम लगेगी और श्रम की भी बचत होगी।

जो किसान ड्रोन नहीं खरीद पाते है, उनके लिए कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्लान बनाया है।

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