अदरक पौधों को कंद के रूप में उगाया जाता है, अदरक की खेती मुख्य रूप से उष्ण कटिबंधीय इलाको में की जाती है, अदरक का इस्तेमाल ज़्यादातर खाने में मसाले के रूप मे किया जाता है, इसके अलावा भी अदरक का उपयोग कई रूप मे किया जाता है, जैसे इसे चाय बनाने, अचार बनाने तथा अनेक प्रकार के व्यंजनों में खुशबु लाने के लिए उपयोग में लाते है। अदरक को सुखाकर उसे सोंठ के रूप में भी कम में लाते है, इसके अलावा इसे अनेक प्रकार की बीमारी जैसे पथरी, खांसी, सर्दी-जुकाम, पीलिया और पेट के कई रोगो के लिए भी लाभकारी माना जाता है.
अदरक बुआई का समय
अदरक की बुआई के लिए सबसे अच्छा टाइम अप्रैल के लास्ट सप्तहा से ले कर 25 जून तक का माना जाता है आप इन 2 महीने के बीच अदरक को कभी भी लगा सकते है, अदरक की फसल अवधि 190 दिन से ले कर लगभग 220 दिन के बीच होती है अदरक को पूरी तरह से तैयार होने मे कम से कम 6 से 7 माह लग जाते है पर इस को लगाने से पहले किसान भाइयों को जमीन की परख अच्छे से कर लेना चाइए क्यू की अदरक के लिए अच्छी जमीन होना जरूरी है ओर इस की बुआई के टाइम पर खेत मे थोड़ी नमी होना चाइए.
तापमान , मिट्टी की तैयारी व खेत की जुताई
- अदरक की फसल के लिए दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी बहुत ही अच्छी रहती हैं
- जिस भी खेत का आप चयन कर रहे है उसमें पानी निकास की उचित व्यवस्था जरूर करे
- फसल के लिए चयन की गई भूमि का पी.एच मान 6 से 6.5 के बीच का होना चाहिए PH मान चेक कर ले.
- फसल बुवाई के 15 दिन पहले मिट्टी पलटने वाले हल से 1 बार जुताई कर दें जिससे खेत में मौजूद खरपतवार और कीट नष्ट हो जाए
- इसके बाद प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में 10 से 12 टन सड़ी हुई गोबर की खाद और 2.5 किलो ट्राईकोडर्मा डालें
- खाद डालने के बाद खेत की 1 बार फिर से जुताई करके पाटा लगाकर पलेवा कर दें
- पलेवा के 6 से 8 दिन बाद 1 बार गहरी जुताई कर दें
- इसके बाद खेत में कल्टीवेटर द्वारा 2 बार आडी तिरछी गहरी जुताई करके खेत पर पाटा लगा दें जिससे खेत समतल हो जाए
- अब आप का खेत बुवाई के लिए पूरा तैयार हैं .
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अदरक की खेती मे बीज की मात्रा
अदरक की खेती के लिए आप को 1 एकड़ मे फसल लगाने के लिए लगभग 7 से 8 क्विंटल ताजी गाँठो की जरूरत होती है इस मे ध्यान रखे की अच्छी और ताजी गाठों का उपयोग करे क्यूकी अदरक की ताजी गाठों के अंदर नमी अच्छी होती है, या एसा कहे की बह सुखी हुई नहीं होती तो उस को लगाने के कुछ टाइम बाद ही उस की ग्रोथ चालू हो जाती है, जिस से फसल अच्छी रहती है और इस का अंतर फसल की पेदावार पर भी पड़ता है साथ ही फसल की टाइमिंग भी कुछ कम हो जाती है.
अदरक की उन्नत किस्में | Varieties of Ginger
Ginger varieties तो बहुत सारी है पर इन सभी मे सबसे अच्छी मानी जाने वाली वैराइटीस नीचे दी गई है, इन को अच्छा इस लिए माना जाता है क्यू की इन का उत्पादन अधिक है और इन को तैयार होने मे उतना ही टाइम लगता है जीतने टाइम मे अन्य वैराइटीस तैयार होती है.
IISR Varada
अदरक की इस किस्म की अवधि 200 से 210 दिन के बीच की है इस किस्म को ताजा और सूखे अदरक की पैदावार के लिए अच्छी मानी जाती है यह किस्म 6 से 7 माह में पकती है और इसकी लगभग पैदावार 9 टन प्रति एकड़ तक हो जाती है.
IISR Mahima
इस किस्म की अवधि भी 200 से 210 दिन के बीच मे ही है इस वैराइटी मे अधिक उपज के साथ साथ अच्छे बड़े और मोटे राइज़ोम आते है यह किस्म 200 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है इसकी औसतन एक एकड़ मे 9 से साढ़े टन तक की पैदावार है.
Suruchi
इस किस्म की अवधि इन दोनों किसमो से अधिक है यह कम से कम 10 से 15 दिन अधिक लेती है इस को तैयार होने मे लगभग 220 दिन तक का टाइम लग जाता है ओर इस की उपज भी कम है यह एक एकड़ मे 5 टन तक ही निकल पाती है.
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अदरक की खेती मे बीज उपचार
अदरक का बीज उपचारित करने के लिए 2 ग्राम कार्बोन्डाजिम को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर तैयार कर ले अब इस मे कन्दों को 30 मिनट तक डुबो कर उपचारित करे उपचार के बाद गाठों को 3-4 घंटे के लिए छांव में सुखाएं फिर फसल बुआई के लिए पूरी तरह से तैयार है, फसल बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी लगभग 30 सेमी रखे और पक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेमी रखे और बीज को कम से कम 3 से 4 सेमी की गहराई बोए.
उर्वरक व खाद प्रबंधन
- अदरक की फसल बुवाई के समय 1 एकड़ खेत में 50 किलोग्राम डी ऐ पी, 50 किलोग्राम पोटाश , 25 किलोग्राम यूरिया, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट , 8 किलोग्राम जायम का इस्तेमाल करे
- बुवाई के 40 से 45 दिन बाद 1 एकड़ खेत में 40 किलोग्राम यूरिया खाद का उपयोग करे
- इस के बाद 90 से 95 दिन हो जाने पर 1 एकड़ खेत में 40 किलोग्राम यूरिया खाद का उपयोग करे
अदरक की खेती मे सिंचाई
अदरक की फसल में गर्मियों में 8 से 10 दिन के अंतराल पर सिचाई करते रहे हैं और अन्य मौसम मे नमी के अनुसार सिचाई कर दे इस फसल को पूरे समय मे 16 से 18 बार पानी देने की आवश्यकता होती है. इस के बाद इस की कटाई का टाइम आ जाता है 5 से 6 महीने बाद हरी अदरक की खुदाई कर सकते हैं, फसल को पूरा पकने में 7 से 8 महीने का समय लगता है इतने टाइम के बाद कंद की खुदाई कर सकते है.
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अदरक की खेती मे लाग्ने वाली बीमारी
अदरक मे लगने वाले प्रमुख किट इस प्रकार है….
जीवाणु म्लानी ( Bacterial wilt )
इस रोग को आप आसानी से पहचान सकते है क्यूकी इस के कारण पत्तियाँ पीली पड़ जाती है और धीरे धीरे पूरा पौधा भूरा होकर सूखने लग जाता है इस से बचाब के लिए आप को फसल चक्र अपनाना चाहिए और खेत में जल की निकास के लिए उचित व्यवस्था करना फिर भी कही पर एसे पोधे रहे तो उन रोग ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट कर देना चाहिए, इस के लिए आप 1 % बोर्डोमिश्रण या कापर ओक्सिक्लोराइड 50 %, डब्ल्यूपी 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का उपयोग करना चाहिए.
फाइलोस्टिटिका पर्ण चित्ती
फसल मे यह रोग जुलाई से अक्तूबर के बीच ज्यादा होता है इस रोग की शुरुआत में फसल के पत्तों पर सूखे पानी के धब्बे के रूप में होती है जो बाद में सफेद धब्बे के रूप में हो जाता है जिसके चारो और गहरे भूरे रंग के किनारे होते हैं, इस रोग का नियंत्रण करने के लिए मैन्कोजेब 75 % , डब्ल्यूपी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करना चाहिए या फिर Chlorothalonil 75 % WP 400 ग्राम 1 एकड़ में 150 से 200 ली .पानी के हिसाब से स्प्रे करें.
तना एवं जड़ छेदक ( Stem and root be pest )
तना बेधक अदरक को हानि पहुंचाने वाला प्रमुख कीट हैं यह कीट तना को काटकर ख़त्म कर देता है इस से बचने के लिए खेत को खरपतवार से मुक्त रखें और इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिसत , एसजी 80 ग्राम प्रति एकर 200 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें या फिर क्लोरोन्ट्रेनिलीप्रोल 18.5 प्रतिसत, एस.सी.60 मिली प्रति एकर 200 लीटर पानी मे घोलकर छिडकाव करें .
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अदरक की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण FAQs
अप्रैल के अंतिम सप्ताह से लेकर 25 जून तक होता है।
अदरक की खेती के लिए दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
एक एकड़ भूमि में अदरक की खेती के लिए लगभग 5 से 6 क्विंटल ताजी अदरक की गाँठों की आवश्यकता होती है।
अदरक की उन्नत किस्मों में प्रमुख रूप से IISR वरदा, IISR महिमा और सुरुचि शामिल है.
2 ग्राम कार्बेन्डाजिम को 1 लीटर पानी में घोलकर कंदों को 30 मिनट तक डुबोकर उपचारित किया जाता है। इसके बाद गाठों को 3-4 घंटे छांव में सुखाया जाता है।