मध्यप्रदेश मौसम में अचानक बड़े बदलाव हो रहे है जिस को देख कर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है, यह बदलाव किसानों और आम जनजीवन को प्रभावित कर सकता है।
IMD के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ मे मौसम बदलाब के कारण मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में आने वाले दिनों में भारी बारिश और ठंड बढ़ने की संभावना है।
मध्यप्रदेश मौसम में बदलाव की वजह
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव इस बार व्यापक रूप से देखा जा रहा है…
- पश्चिमी विक्षोभ का आगमन:– IMD ने 22 दिसंबर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने की बात कही है।
- मौसम का मिजाज बदलेगा:- मध्यप्रदेश में बादल, बारिश और तापमान में गिरावट की संभावना है।
- किसानों की चुनौती:- फसलों पर ओलावृष्टि का प्रभाव पड़ सकता है।
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बारिश और ओलावृष्टि के संभावित क्षेत्र
मध्यप्रदेश के कई जिलों में इस बदलाव का असर दिखेगा…
क्षेत्र | संभावित प्रभाव |
---|---|
भोपाल, इंदौर, उज्जैन | भारी बारिश और तेज हवाएं |
ग्वालियर, चंबल | ओलावृष्टि और तापमान में गिरावट |
जबलपुर, सतना, रीवा | हल्की से मध्यम बारिश और कोहरा |
किसानों को इन क्षेत्रों में सतर्क रहने और फसलों की सुरक्षा के लिए उपाय करने की सलाह।
मध्यप्रदेश मौसम IMD का अलर्ट
IMD ने जानकारी दी है कि अगले 10-15 दिनों में तीन प्रमुख पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे। इनका असर उत्तर, मध्य, और पूर्वी भारत पर होगा।
- पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी:– हिमालय क्षेत्र में भारी बर्फबारी की संभावना है।
- मैदानी इलाकों में बारिश:– मध्यप्रदेश समेत राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में तेज बारिश हो सकती है।
- घने कोहरे का असर:– तापमान गिरने से मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा छाएगा।
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किसानों के लिए विशेष सावधानियां
मध्यप्रदेश मौसम में इस बदलाव से किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
- फसल सुरक्षा:– प्लास्टिक शीट और अन्य सामग्री से रखे अनाज को ढकें।
- सिंचाई को नियंत्रित करें:– अतिरिक्त नमी से बचने के लिए सिंचाई न करें तो अच्छा होगा।
- फसल बीमा:– नुकसान की स्थिति में बीमा का लाभ लें।
- समय पर जानकारी प्राप्त करें:– मौसम विभाग और जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
मध्यप्रदेश मौसम प्रशासन की तैयारियां
जिला प्रशासन ने संभावित बारिश और ओलावृष्टि के मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी है।
- आपदा प्रबंधन केंद्र: राहत केंद्र और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था।
- फसलों का सर्वे: संभावित नुकसान का आकलन करने के लिए फसल निरीक्षण।
- स्थानीय अलर्ट: ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से अलर्ट पहुंचाने के लिए व्यवस्थाएं।
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मध्यप्रदेश के लिए IMD का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश मौसम के लिए निम्नलिखित भविष्यवाणी की है आज 22 दिसंबर का मौसम भी खराब हो सकता है।
- 22 दिसंबर:– हल्की बारिश और तापमान में गिरावट।
- 24-28 दिसंबर:– तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना।
- 30 दिसंबर:– बादल छंटेंगे और ठंड बढ़ेगी।
किसानों और स्थानीय नागरिकों को इस दौरान सतर्क रहने और सुरक्षा के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
मध्यप्रदेश मौसम का राष्ट्रीय प्रभाव
मध्यप्रदेश में होने वाले इस बदलाव का असर देश के अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा।
- उत्तर भारत:– हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी।
- पूर्वी भारत:– बिहार और झारखंड में बारिश।
- पश्चिम भारत:– राजस्थान और गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश।
बारिश और ओलावृष्टि के दौरान क्या करें?
- घर से बाहर निकलते समय छतरी और रेनकोट साथ रखें।
- बिजली के उपकरणों और खंभों से दूर रहें।
- वाहन चलाते समय धीमी गति और सतर्कता बरतें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
मध्यप्रदेश मौसम और किसान की चुनौतियां
बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को होने वाला नुकसान एक बड़ी चुनौती है। गेहूं, चना, और सरसों जैसी रबी फसलें इस दौरान सबसे अधिक प्रभावित हो सकती हैं।
मध्यप्रदेश मौसम में होने वाले बदलाव न केवल किसानों के लिए बल्कि जनजीवन के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट का पालन करना और समय रहते सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
FAQs
मध्यप्रदेश में बारिश कब से शुरू होगी?
22 दिसंबर से बारिश शुरू होगी, जो 24 दिसंबर से तेज हो सकती है।
क्या सभी जिलों में ओलावृष्टि होगी?
नहीं, ओलावृष्टि मुख्यतः ग्वालियर, भोपाल, और चंबल क्षेत्रों में हो सकती है।
किसानों को इस दौरान क्या करना चाहिए?
किसानों को फसलों को ढकने, सिंचाई रोकने, और बीमा का लाभ लेने की सलाह दी गई है।
यह बदलाव कितने दिनों तक रहेगा?
मौसम का यह बदलाव 10-15 दिनों तक प्रभावी रहेगा।
क्या मध्यप्रदेश मौसम अन्य राज्यों को भी प्रभावित करेगा?
हां, उत्तर, पश्चिम और पूर्वी भारत में भी इसका असर होगा।