“फूलों की खेती: बिहार की महिलाओं की आर्थिक क़िस्मत की कहानी”

फूलों की खेती एक ऐसा क्षेत्र है जहां कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। यहाँ फूलों की मांग साल भर बनी रहती है, इसलिए इस क्षेत्र में किसान अधिकतर मुनाफे में रहते हैं। एक उदाहरण के रूप में, मुजफ्फरपुर के वीरपुर मे कुछ महिलाएं फूलों की खेती करके उस क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल प्रस्तुत कर रही हैं।

गेंदे के फूल की खेती ने बिहार के मुजफ्फरपुर के वीरपुर की महिलाओं की किस्मत बदल दी है। इन महिलाओं ने दस कट्ठा खेत में गेंदे के फूल की खेती शुरू कर दी है।

ये महिलाएं फूलों की रोपाई से लेकर तुड़ाई तक तकनीकी कामों को स्वयं निभा रही हैं। इस के विपरीत, घर के पुरुषों का काम सिर्फ़ इसकी बिक्री को ध्यान में रखना होता है।

फूल की खेती से रोजाना मुनाफा

महिला किसान रुबी बताती हैं, कि एक कट्टे में गेंदे की खेती के लिए 1500 से 2000 रुपये की लागत आती है। सीजन बढ़िया होने पर 5 हजार रुपये से 10 हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है, प्रतिदिन दस कट्टे में करीब 50 किलो फूल निकलते हैं।

बाजार में प्रति किलो फूल पर 100 रुपये मिलते हैं, ऐसे में हमें रोजाना 5 हजार का मुनाफा हो जाता है।

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फायदेमंद साबित हो रहा, टेनिस बॉल गेंदा फूल

मोहन राम, वीरपुर गांव के निवासी, बताते हैं कि फूल की खेती से जुड़े सभी कार्य महिलाएं ही संभालती हैं। हम सिर्फ इन्हें बाजार में बेचने के लिए लाते हैं। इंद्रजीत शाही भी बताते हैं कि महिलाएं ने पहली बार एक ट्रायल के रूप में गेंदे की खेती शुरू की थी।

उन्होंने खेती के लिए “टेनिस बॉल” नामक गेंदे की हाइब्रिड वैरायटी के बीजों को मंगवाया और फिर एक नर्सरी तैयार की इसके बाद फूलों की रोपाई की गई और हार्वेस्टिंग की गई।

पौधे की ऊंचाई 3 से 4 फीट

शिलाजीत सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, बताते हैं, कि किसानों के लिए टेनिस बॉल गेंदा फूल बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके पौधे की ऊंचाई 3 से 4 फीट होती है। फूलों का आना तीन महीने में प्रारंभ हो जाता है और पैदावार भी अधिक होती है। इस जिले के कई महिलाएं अब इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं।

फूलों की खेती से साल भर आय प्राप्ति

फूल की खेती से कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। इन फूलों की मांग साल भर में बनी रहती है। इसलिए फूल की खेती करने वाले किसानों को अधिकतर मुनाफा होता है।

वर्तमान में, मुजफ्फरपुर के वीरपुर की महिलाएं फूलों की खेती करके दूसरी महिलाओं के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। साथ ही, यह खेती उनके परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी मदद कर रही है।

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