लहसुन का साइज डबल करने वाली स्प्रे, और थ्रिप्स एवं झुलसा से बचाव

किसान भाइयों यदि आप लहसुन की खेती में उत्पादन बढ़ाना और लहसुन के कंद का आकार दोगुना करना चाहते है तो सही तकनीक और देखभाल से यह संभव है आइए जानें, “लहसुन का साइज कैसे बढ़ाएं” और “लहसुन की खेती” को सफल बनाने के आसान तरीके जिन को अपना कर बहुत ही जल्द लहसुन के गट्टे को बड़ा किया जा सकता है।

लहसुन का साइज कैसे बढ़ाएं

लहसुन के कंद के आकार को बड़ा करने के लिए सही पोषण, नमी और स्प्रे तकनीक का होना आवश्यक है लहसुन मे 100 दिन के बाद “एनपीके 0 52 34” (NPK 5 52 34) का उपयोग करें जो फास्फोरस और पोटाश को बनाए रखने मे मदद प्रदान करता है यह स्प्रे कंद को तुरंत पोषण देकर उस को बड़ा करना चालू कर देता है।

इस स्प्रे को तैयार करने के लिए, 1 किलो एनपीके 5 52 34 को 100 लीटर पानी में घोल ले इसमें 100 ग्राम बोरॉन मिलाकर खेत में छिड़काव करें स्प्रे करते समय इस बात का ध्यान रखे की पौधों पर ओस न हो और खेत मे पर्याप्त मात्रा मे नमी हो इस प्रक्रिया को दोपहर के बाद करना सबसे प्रभावी होता है इस लिए 4-5 बजे जब थोड़ी धूप कम हो जाए तब उपयोग करे।

इसे पढे – पत्ता मरोड़ रोग (Leaf Curl Virus) के ऑर्गेनिक, सरल और प्रभावी समाधान

लहसुन की खेती में स्प्रे का महत्व

लहसुन की खेती करने के दौरान फसल को अच्छा पोषण देना सबसे जरूरी होता है. खेत में पोषण की कमी होने पर कंद का विकास रुक सकता है ओर कंद छोटा रह सकता है . इसलिए 100 दिन के बाद फोलियर स्प्रे का उपयोग फसल को स्ट्रेस से बाहर निकालने और कंद का आकार बढ़ाने में मदद करता है,

इस समय एनपीके का स्प्रे के साथ बोरॉन का उपयोग करना पौधे के विकास के लिए यह जरूरी है बोरॉन, कंद के परदे को मजबूत करता है और उसकी गुणवत्ता बढ़ाता है।

लहसुन की फसल में थ्रिप्स और झुलसा से बचाव

जेसे जेसे मौसम मे बदलाब होगा और धूप आने लग जाईगी तो बढ़ते तापमान के साथ, थ्रिप्स और झुलसा जैसे रोग फसल को नुकसान पहुँचा सकते हैं. थ्रिप्स के लिए कम प्रकोप होने पर एसिटामप और इमेड क्लोरोपिड का उपयोग करें और इस का अधिक प्रकोप होने पर फिप्रोनिल या ट्रेसर जैसे अच्छी दबाई का छिड़काव करें।

झुलसा रोग से बचाव के लिए स्टैंडर्ड फंजीसाइड जैसे नेटिव, एम स्टार टॉप, या कस्टोडिया का उपयोग करें और खेत में नमी बनाए रखें और स्प्रे करते समय डबल पानी का उपयोग करें ताकि दवा पौधों के हर हिस्से तक पहुँच सके।

लहसुन का साइज बढ़ाने के लिए सही खाद का चयन

लहसुन के कंद का साइज़ बढ़ाने में पोटाश और फॉस्फोरस की मुख्य भूमिका होती है. एनपीके 0 52 34 का छिड़काव कंद के विकास के लिए सबसे कारगर उपाय है. यह फसल को तुरंत पोषण देने का काम करता है और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

कई किसान कैल्शियम नाइट्रेट का उपयोग भी आकार बढ़ाने के लिए करते हैं, लेकिन यह केवल गुणवत्ता सुधारने में सहायक है इसलिए, इसका अत्यधिक उपयोग करने से बचें।

इसे पढे – करेला की खेती के उन्नत तरीके, वैज्ञानिक विधियों से बेहतर उत्पादन कैसे करें

लहसुन की खेती को बेहतर बनाने के सुझाव

लहसुन की खेती को सफल बनाने के लिए फसल का लगातार निरीक्षण करें और नियमित पोषण दें, खेत में नमी बनाए रखना स्प्रे की गुणवत्ता पर ध्यान देना, और समय पर रोग नियंत्रण करना बहुत ही जरूरी है।

100 दिन के बाद फसल को हरा-भरा रखें पत्तों को सूखने ना दे ताकि कंद का आकार और उत्पादन दोनों में सुधार हो, सही तकनीकों और सुझावों को अपनाकर, किसान अपनी फसल को अधिक उत्पादक और लाभदायक बना सकते हैं।

लहसुन के बारे मे पूछे जाने बाले सवाल

लहसुन के कंद का आकार कैसे बढ़ाया जा सकता है?
फास्फोरस और पोटाश आधारित फोलियर स्प्रे के उपयोग से कंद का आकार जल्दी बढ़ाया जा सकता है।

थ्रिप्स से बचाव के लिए क्या करें?
एसिटा मप और फिप्रोनिल जैसे उच्च गुणवत्ता वाले कीटनाशकों का उपयोग करें।

कैल्शियम नाइट्रेट का क्या उपयोग है?
यह कंद की गुणवत्ता को सुधारने के लिए उपयोगी है, लेकिन आकार बढ़ाने के लिए नहीं।

झुलसा रोग से कैसे बचें?
नेटिव, एम स्टार टॉप, या कस्टोडिया जैसे फंजीसाइड का नियमित उपयोग करें।

स्प्रे करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
स्प्रे के लिए डबल पानी का उपयोग करें और सुबह की ओस खत्म होने के बाद छिड़काव करें।

लहसुन की फसल को हरा-भरा क्यों रखना चाहिए
हरी-भरी फसल बेहतर पोषण ग्रहण करती है, जिससे उत्पादन अधिक होता है।

इन्हे भी पढे –

जीवामृत कैसे बनाएं, जैविक खेती का सरल और प्रभावी समाधान

भू-अधिकार पुस्तिका कैसे डाउनलोड करें, घर पर ही आसान तरीका

फार्मर रजिस्ट्री कार्ड या किसान कार्ड सम्पूर्ण जानकारी और प्रक्रिया


Leave a Comment